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प्रस्तावित रेल लाइन का ग्रामीणों ने किया विरोध, प्रशासन को लौटना पड़ा वापस



नवलगढ़ । दुर्जनपुरा से गोठड़ा तक प्रस्तावित रेलवे लाइन को लेकर मंगलवार को बसावा गांव में बड़ा विरोध देखने को मिला। प्रशासन जब जमीन पर कब्जा लेने पहुंचा, तो ग्रामीणों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया और कार्रवाई को गैरकानूनी बताते हुए प्रशासन को मौके से वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।


प्रशासन ट्रैक्टर-ट्रॉली, जेसीबी और भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचा था, लेकिन किसानों के विरोध ने सारी कार्रवाई रोक दी। किसानों का आरोप है कि बिना सहमति और नोटिस के खेतों में जबरन घुसना न सिर्फ अवैधानिक है, बल्कि सरकार और प्रशासन की कायराना हरकत है।

किसान नेता बोले - जबरन भूमि अधिग्रहण नहीं सहेगा गांव

किसान नेता विजेंद्र सिंह काजला ने कहा कि यह रेलवे लाइन सीमेंट फैक्ट्री के लिए प्रस्तावित है, और सरकार जबरन भूमि अधिग्रहण करना चाहती है। उन्होंने मांग की कि यदि रेलवे लाइन डालनी ही है तो किसानों को बाजार दर से चार गुना मुआवजा, पुनर्वास, सरकारी नौकरी और रेल लाइन के दोनों ओर सड़क निर्माण की गारंटी दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने भविष्य में भी जबरन कार्रवाई की तो किसान बड़ा आंदोलन करेंगे।

प्रशासन का पक्ष

नवलगढ़ एसडीएम जयसिंह ने बताया कि प्रशासनिक टीम भूमि पर मार्किंग और बातचीत के लिए गई थी। अधिकतर प्रभावित किसानों ने अब तक मुआवजा नहीं लिया है। टीम में मुकुंदगढ़ नायब तहसीलदार, रेलवे अधिकारी जोरावर मीणा और गोठड़ा थानाधिकारी बनवारीलाल शामिल थे।

प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ग्रामीण रहे मौजूद

किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष रतन सिंह शेखावत, विजेंद्र सिंह काजला, नरेंद्र कड़वाल, राजेश दूत, माया देवी, सुनीता देवी, संतोष देवी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी जमीनें किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे और सरकार को जनहित और न्यायपूर्ण मुआवजा नीति के तहत ही कोई कदम उठाना चाहिए।